
यह विषय चिंतनीय है कि जहाँ शिक्षण शूल्क पर प्रति बच्चे का खर्च 250 से 700 रूपया तक होता है, वहीं ट्रांसपोटेसन/वाहन पर खर्चें उससे अधिक हो जाता है। आवासीय विद्यालय के तो खर्चे अधिक होते ही हैं । ऐसे में कुछ ही बच्चे इसका लाभ ले पाते हैं। ग्रामीण परिवेश में सभी लोगों तक शिक्षा को पहुँचाने के लिए स्कूली शिक्षा को सस्ता होना आवश्यक है । इस चुनौती को पूरा “Education at your Door Step” के द्वारा किया जा सकता है । इस कार्यक्रम के द्वारा अधिक से अधिक शैक्षणिक उपक्रम जैसे स्कूल, वोकशनल ट्रेनिग ग्रामीण स्तर पर खोला जाय पर इस व्यवस्था की चुनौती गुणवत्ता की होगी। इस गुणवत्ता के सभी स्तर को बनाये रखने के लिए हमारी संस्था काम करेगी।
आज शहरी या ग्रामीण स्तर पर हर मोहल्लों और नुक्कड़ों पर स्कूल मौजूद हैं। इन स्कूलों को भी गुणवत्ता का सुरक्षा कवच की आवश्यकता है, जो स्कूल को सफल संचालन में सहयोग प्रदान करे :- जैसे सुयोग्य प्रिंसपल और शिक्षकों की बहाली तथा ट्रेनिंग , स्कूल के सभी तरह के स्टेशनरी, परीक्षा ,विज्ञापन, शिक्षा की गुणवत्ता और अन्य । हमारा उद्देश्य होगा कि इन स्कूलो को ’’अफोर्डेबल प्राइवेट स्कूल नेटवर्क ’’के साथ जोड़कर सभी आवश्यक सहयोग देना ताकि स्कूल के व्यवस्थापक स्कूल का सफल संचालन बिना कोई समस्या के कर सके तथा विद्यालय को लाभ एवं सफलता के मार्ग पर अग्रसर कर सके।.
वैसे गांव जहां कम से कम 200 – 300 से अधिक छात्रों को पढ़या-सिखाया जा सकता है, वहां आम जन के आदर्श ग्राम योजना के तहत यह स्कूल शुरू किया जा सकता है। इच्छुक अभ्यार्थी (जो विद्यालय संचालक के रूप में/ शिक्षक के रूप में/निवेश के रूप में/ जिनके पास अपना बल्डिंग उपलब्ध हो या लीज पर व्यवस्था कर सकते हैं ) चला रहे स्कूल भी जो हमारे ब्रांड नेटवर्क के साथ जुड़ना चाहते हों, वो भी आवेदन कर सकते हैं।